
केंद्र सरकार ने सरकारी दफ्तरों में अनुशासन और कार्यकुशलता बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्रीय कर्मचारियों के लिए कई नए नियम और दिशा-निर्देश लागू किए हैं। इनमें समय पालन से लेकर सोशल मीडिया के इस्तेमाल, ग्रेच्युटी लिमिट और पेंशन प्रक्रिया तक अहम बदलाव शामिल हैं।
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समय का सख्त पालन अनिवार्य
अब हर केंद्रीय कर्मचारी को दफ्तर में सुबह 9:15 बजे तक उपस्थित होना जरूरी होगा। अगर कोई कर्मचारी समय से देर से ऑफिस पहुंचता है, तो उसकी आकस्मिक छुट्टी (Casual Leave) से आधे दिन की छुट्टी काट ली जाएगी।
यह कदम सरकारी कामकाज को समय पर पूरा करने और ऑफिस अनुशासन बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर सख्त नजर
डिजिटल युग में सोशल मीडिया का असर बढ़ा है, लेकिन अब केंद्र सरकार ने इस पर भी मजबूत गाइडलाइन जारी की हैं।
कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सरकार की नीतियों की आलोचना, संवेदनशील या अनधिकृत जानकारी साझा न करें। ऐसा करते पकड़े जाने पर विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
यह कदम सरकारी सिस्टम की विश्वसनीयता और गोपनीयता को सुरक्षित रखने के लिए है।
बायोमेट्रिक हाजिरी फिर से शुरू
कोविड-19 महामारी के समय के बाद अब केंद्र सरकार ने सभी विभागों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस को फिर से अनिवार्य कर दिया है। सभी कर्मचारियों को फिंगरप्रिंट या फेस रिकग्निशन सिस्टम से अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी। इससे Attendance Monitoring और Transparency दोनों में सुधार होगा।
निलंबन के नियमों में किए गए बदलाव
सरकार ने निलंबन (Suspension) से जुड़े नियमों को और पारदर्शी बनाया है। अब किसी भी निलंबन की प्रक्रिया में स्पष्ट प्रोटोकॉल अपनाया जाएगा ताकि मनमाने निर्णयों से बचा जा सके। यह बदलाव सरकारी प्रक्रिया में उत्तरदायित्व (Accountability) और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक अहम कदम है।
पेंशन प्रक्रिया में ‘पेंशन मित्र’ व्यवस्था
पेंशन से जुड़े नियम भी बदले गए हैं। अब सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन समय पर मिले। इसके लिए हर डिपार्टमेंट में एक ‘पेंशन मित्र’ नियुक्त किया जाएगा जो पेंशन से जुड़ी औपचारिकताओं, दस्तावेज़ी प्रक्रिया और अपडेट्स में कर्मचारी की मदद करेगा। यह पहल Senior Employees को सेवा निवृत्ति के बाद सुविधा और सम्मान देने की दिशा में बड़ी पहल मानी जा रही है।
ग्रेच्युटी सीमा बढ़कर हुई ₹25 लाख
केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी (Gratuity) की सीमा बढ़ाकर ₹25 लाख कर दी है। पहले यह सीमा ₹20 लाख थी। इस कदम से रिटायर होने वाले कर्मचारियों को अतिरिक्त वित्तीय राहत मिलेगी और यह उनके भविष्य की सुरक्षा को मजबूत करेगा।
अनुशासनहीनता पर होगी कार्रवाई
सरकारी ऑफिसों में देरी से आना, अनुशासनहीन व्यवहार या काम के दौरान लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सोशल मीडिया पर गलत जानकारी साझा करना या दफ्तर के नियमों की अनदेखी करना भी गंभीर अपराध की श्रेणी में आएगा।
किसी भी उल्लंघन की स्थिति में संबंधित कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें चेतावनी, वेतन कटौती या सस्पेंशन जैसी कार्रवाई शामिल हो सकती है।
बेहतर कार्यसंस्कृति और जिम्मेदारी
इन नए नियमों का मकसद सिर्फ़ सख्ती नहीं, बल्कि सरकारी कामकाज में जिम्मेदारी, अनुशासन और पारदर्शिता बढ़ाना है। केंद्र सरकार चाहती है कि offices में ऐसा माहौल बने जहाँ कर्मचारी समय का सम्मान करें, अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाएं और जनता को बेहतर सेवा प्रदान करें।
















