देशभर के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा अपडेट सामने आया है। केंद्र सरकार उन अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रही है, जो ड्यूटी में लापरवाही या सेवा नियमों का उल्लंघन करते पाए गए हैं। इस कार्रवाई के तहत उनकी ग्रेच्युटी और पेंशन रोकने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। मंत्रालय ने इस पर फाइल तैयार कर ली है और जल्द इसे मंजूरी के लिए शीर्ष स्तर पर भेजा जाएगा।

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क्यों लिया गया यह निर्णय
बीते कुछ महीनों से सरकार को अलग‑अलग विभागों से कई शिकायतें मिली थीं कि कुछ कर्मचारी सेवा नियमों का पालन नहीं कर रहे, यहां तक कि सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले अनुशासनहीनता के मामलों में पकड़े गए।
ऐसे कर्मचारियों की रिटायरमेंट के बाद सीधी पेंशन जारी करना और ग्रेच्युटी भुगतान करना नियमों के विरुद्ध पाया गया। इसी कारण सरकार ने तय किया है कि अब प्रत्येक कर्मचारी की फाइल रिटायरमेंट के समय बारीकी से जांची जाएगी।
अब बदलेगा पेंशन और ग्रेच्युटी जारी करने का तरीका
नई व्यवस्था के तहत, मंत्रालयों को निर्देश दिया गया है कि किसी भी कर्मचारी की सेवा अवधि, अनुशासन रिकॉर्ड और विभागीय जांच की स्थिति को जांचने के बाद ही पेंशन और ग्रेच्युटी पास की जाएगी।
जो कर्मचारी सेवा अवधि में दुराचार या भ्रष्टाचार में पाए जाएंगे, उनका भुगतान फिलहाल स्थगित किया जा सकेगा। यह निर्णय न केवल केंद्रीय कर्मचारियों पर बल्कि कुछ राज्यों के विभागीय कर्मचारियों पर भी लागू हो सकता है।
क्या कहती है केंद्रीय सेवा नियमावली
केंद्रीय सिविल सर्विस (पेंशन) रूल्स, 2021 के अंतर्गत केंद्र सरकार को यह अधिकार है कि अगर कोई कर्मचारी सेवा के दौरान गंभीर अनुशासनहीनता में लिप्त पाया जाता है, तो उसकी पेंशन और ग्रेच्युटी रोकी जा सकती है या घटाई जा सकती है। सरकार इसी प्रावधान को अब सख्ती से लागू करने की दिशा में बढ़ रही है, ताकि भ्रष्टाचार और लापरवाही पर अंकुश लगाया जा सके।
किन कर्मचारियों पर लागू होगा नियम
- वे कर्मचारी जो सरकारी फंड या सार्वजनिक धन के दुरुपयोग में शामिल पाए गए।
- जिन पर विभागीय या न्यायिक जांच चल रही है।
- जिनकी सेवा के दौरान गंभीर अनुशासनहीनता रिपोर्ट की गई है।
- जो सेवानिवृत्ति से ठीक पहले जानबूझकर काम में ढिलाई दिखा रहे हैं।
इन सभी पर पेंशन और ग्रेच्युटी स्थगन का निर्णय लिया जा सकता है।
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मंत्रालयों को निर्देश
केंद्र के वित्त और कार्मिक विभाग ने सभी मंत्रालयों से कर्मचारियों की फाइलें डिजिटल रिकॉर्ड सिस्टम में अपडेट करने का निर्देश दिया है।
यह प्रक्रिया पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार कम करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। जिन मामलों में विभागीय जांच लंबित है, वहां भुगतान तब तक नहीं किया जाएगा जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती।
कर्मचारियों में चिंता, लेकिन सरकार का रुख सख्त
कई कर्मचारी संगठनों ने इस कदम पर चिंता जताई है कि रिटायरमेंट के बाद पेंशन या ग्रेच्युटी रोकी जाने से आर्थिक असुरक्षा बढ़ेगी। हालांकि सरकार का कहना है कि ईमानदार कर्मचारियों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। यह कदम केवल सेवा नियमों के उल्लंघन करने वालों पर लक्षित है।
क्या यह फैसला सभी पर एक जैसा होगा?
विशेषज्ञों के अनुसार, यह फैसला चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। शुरुआत केंद्रीय मंत्रालयों और सार्वजनिक उपक्रमों से होगी। इसके बाद राज्य सरकारें भी अपने‑अपने सेवा नियमों के तहत समान नीति अपना सकती हैं।
कर्मचारियों को अभी से अपने सेवा रिकॉर्ड और दस्तावेजों को सत्यापित कर लेना चाहिए ताकि भविष्य में किसी प्रकार की अड़चन न हो।
















