आयकर रिटर्न दाखिल करना हर वेतनभोगी व्यक्ति की जिम्मेदारी है, लेकिन बीते कुछ सालों में यह जिम्मेदारी लालच में बदलती नजर आई है। कई लोग ज्यादा टैक्स रिफंड पाने के लिए ऐसे एजेंटों या नॉन-प्रोफेशनल्स से ITR फाइल करा रहे हैं जो बिना प्रमाणिकता के दावा करते हैं कि वे “अधिक रिफंड” दिला सकते हैं। लेकिन अब इनकम टैक्स विभाग इन फर्जीवाड़ों पर सख्ती से नजर रख रहा है।

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गैर-प्रोफेशनल एजेंटों के चक्कर में नुकसान
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि बड़ी संख्या में करदाता नॉन-प्रोफेशनल लोगों से रिटर्न दाखिल करवा रहे हैं। ये एजेंट छोटे शुल्क के बदले फर्जी दान की रसीदें, अतिरिक्त खर्च दिखाकर बड़ा रिफंड दिलाने का दावा करते हैं। कई मामलों में इन्हीं कारणों से टैक्स विभाग ने रिफंड रोकना शुरू किया है और अब ऐसी फाइलिंग्स की विस्तृत जांच की जा रही है। इसका सबसे बड़ा खतरा यह है कि अगर आपका रिफंड गलत पाया गया, तो आपको पुराना पैसा वापस देना पड़ सकता है।
जांच के नए नियम और एआई की भूमिका
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने संदेहास्पद रिफंड्स की जांच के लिए नए एसओपी जारी किए हैं। अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से उन करदाताओं को चिन्हित किया जा रहा है जिनके रिटर्न में अनियमितताएं पाई गई हैं। विशेष रूप से उन वेतनभोगी लोगों पर नजर रखी जा रही है जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में एक ही एजेंसी के माध्यम से सामूहिक रूप से ITR दाखिल किए हैं।
इस सूची में वे लोग भी शामिल हैं, जिनका रिफंड पिछले नौ वर्षों में किसी भी कारण से जांच के दायरे में आया था। ऐसे करदाताओं के रिफंड फिलहाल अटके हुए हैं, और विभाग एक-एक डेटा की समीक्षा कर रहा है।
गलत रिफंड पर वसूली की तैयारी
जानकारों के अनुसार, विभाग अब सिर्फ रिफंड रोकने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यदि किसी का रिफंड दावा फर्जी पाया जाता है, तो पिछले चार वर्षों तक के रिफंड की रकम की वसूली भी की जा सकती है। इससे उन लोगों की परेशानी और बढ़ सकती है, जिन्होंने गलत दावे के भरोसे रिटर्न फाइल कराया था।
ऐसे जांचें अपना इनकम टैक्स रिफंड स्टेटस
अगर आपका रिफंड अभी तक नहीं आया है, तो इसे खुद जांचना बेहद आसान है। इसके लिए—
- इनकम टैक्स वेबसाइट www.incometax.gov.in पर जाएं।
- पैन नंबर और पासवर्ड डालकर लॉग इन करें।
- ‘My Account’ टैब में जाकर ‘Refund/Demand Status’ चुनें।
- ITR रीसीप्ट नंबर पर क्लिक करते ही आपको पूरा रिफंड स्टेटस दिख जाएगा।
देरी होने पर उठाएं ये कदम
अगर रिफंड आने में देरी हो रही है, तो सबसे पहले अपने ईमेल इनबॉक्स को जांचें। आमतौर पर विभाग का कोई नोटिफिकेशन वहीं भेजा जाता है।
- अगर रिफंड खारिज दिख रहा है, तो आप नया रिफंड अनुरोध उठा सकते हैं।
- अगर क्लेम लंबित है, तो e-filing पोर्टल या अपने आकलन अधिकारी से शीघ्र निपटारे के लिए संपर्क करें।
- लगातार देरी या भ्रम की स्थिति में इनकम टैक्स हेल्पलाइन 1800-103-4455 पर कॉल करें या ask@incometax.gov.in पर ईमेल भेजें।
टैक्स सलाहकार की सलाह: ईमानदार रहें, सुरक्षित रहें
टैक्स रिफंड का लालच कई बार आर्थिक परेशानी में बदल सकता है। प्रोफेशनल चार्टर्ड अकाउंटेंट या अधिकारिक टैक्स एडवाइजर से ही ITR दाखिल कराएं। यदि किसी ने फर्जी दस्तावेजों से रिटर्न दाखिल करा दिया है, तो तुरंत सुधार करवाएं और स्वतः रिपोर्ट करें। ऐसा करने से भविष्य में पेनाल्टी या कानूनी कार्रवाई से बचा जा सकता है।
















