
हर कोई जानता है कि भारतीय रेलवे आम लोगों की लाइफ़लाइन है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह सिर्फ़ यात्रा का ज़रिया नहीं, बल्कि कई ज़रूरतमंदों के लिए “सोशल सपोर्ट सिस्टम” भी है? रेलवे कुछ विशेष श्रेणियों के यात्रियों को 75% तक की टिकट छूट देता है — और यह सिर्फ़ वरिष्ठ नागरिकों तक सीमित नहीं है।
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विकलांगजन को सबसे अधिक राहत
भारतीय रेलवे का सबसे बड़ा ह्यूमैनिटेरियन स्टेप विकलांगजनों के लिए है।
- दृष्टिबाधित, मानसिक रूप से विकलांग, या पूरी तरह चलने-फिरने में अक्षम यात्रियों को Sleeper और 3AC जैसी क्लास में टिकट पर पूरे 75% तक की छूट मिलती है।
- वहीं, अगर वे First AC या Second AC में सफ़र करना चाहें, तो वहाँ 50% तक की छूट लागू होती है।
- इनके साथ उनके Assistants या Helpers को भी समान छूट मिलती है, ताकि यात्रा का खर्च दोबारा बोझ न बने।
साथ ही, जो लोग पूरी तरह से सुन या बोल नहीं सकते, यानी Hearing or Speech Impaired हैं, उन्हें भी रेलवे 50% की रियायत देता है, और उनके साथ के सहायक को भी यही फायदा मिलता है।
छात्रों के लिए भी राहत का रास्ता
छात्रों के लिए पढ़ाई के सफ़र को थोड़ा आसान बनाने के मकसद से रेलवे ने कई कैटेगरी बनाई हैं:
- SC/ST छात्र Sleeper Class में 75% तक टिकट रियायत पा सकते हैं।
- ग्रामीण क्षेत्र की छात्राएं, जो मेडिकल या इंजीनियरिंग जैसी Entrance Exams के लिए दूसरी जगहों पर जाती हैं, उन्हें Second Class में 75% की छूट दी जाती है।
- वहीं, सामान्य श्रेणी के छात्र भी कुछ शर्तों के साथ 50% तक की रियायत पा सकते हैं।
यह कदम खास तौर पर उन युवाओं के लिए राहत का ज़रिया है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए दूर-दराज़ इलाकों से शहरों तक सफ़र करते हैं।
गंभीर बीमारियों वाले मरीजों के लिए सेवा
Railway सिर्फ़ यात्रियों को नहीं, बल्कि मरीजों के लिए भी दुआ बनकर काम करता है।
- कैंसर मरीजों को Mail और Express ट्रेनों में Second Class और AC Chair Car टिकटों पर 75% तक की छूट दी जाती है।
- थैलेसीमिया, किडनी रोग, और टीबी जैसे गंभीर मरीजों को भी अलग-अलग श्रेणियों में यात्रा रियायत दी जाती है।
इसका उद्देश्य साफ़ है — इलाज का खर्च पहले ही भारी होता है, इसलिए यात्रा कम-से-कम बोझ बने।
कलाकारों और खिलाड़ियों के लिए भी रियायती यात्रा
जो लोग देश का नाम कला या खेल के ज़रिए रोशन करते हैं, उनके लिए भी रेलवे ने छूट का दायरा रखा है।
ऐसे Artist और Sportspersons अपने काम या प्रतियोगिता से जुड़ी यात्रा पर 50% से लेकर 75% तक की रियायत पा सकते हैं। यह सुविधा Cultural Development और Talent Promotion को बढ़ावा देने का एक तरीका मानी जाती है।
जरूरी जानकारी जो जाननी चाहिए
- ऐसे सभी रियायती टिकट पाने के लिए यात्रियों को अपनी पात्रता (जैसे Disability Certificate, Student ID, या Medical Proof) यात्रा के समय दिखाना होता है।
- फिलहाल Senior Citizens के लिए COVID-19 के बाद से छूट स्थगित है, लेकिन समाज में इसे फिर से शुरू करने की मांग तेज़ होती जा रही है।
इंसानियत से जुड़ी व्यवस्था
भारतीय रेलवे का यह कदम सिर्फ़ एक स्कीम नहीं, बल्कि इंसानियत की मिसाल है। यह याद दिलाता है कि सरकार और उसकी सेवाओं का असली मकसद सिर्फ़ आर्थिक लाभ नहीं, बल्कि सामाजिक सहारा देना भी है।
















