2025 में संपत्ति वसीयत (Will) के नियमों में बड़े बदलाव किए गए हैं, जो संपत्ति के अधिकार और वितरण के तरीके को पूरी तरह से प्रभावित करेंगे। यह नया कानून संपत्ति संबंधी विवादों को कम करने और वसीयत को अधिक पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से लाया गया है। इस लेख में बताते हैं कि नया कानून क्या बदलाव लाया है और इसके तहत संपत्ति किसे दी जा सकेगी।

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वसीयत में संपत्ति देने के नए नियम
- 2025 के नए नियमों के अनुसार, अपनी स्व-अर्जित संपत्ति (self-acquired property) किसी भी व्यक्ति या संस्था को वसीयत के जरिए दिया जा सकता है। इसका मतलब है कि आप अपनी मेहनत और कमाई की संपत्ति का पूरी तरह हक निर्धारित कर सकते हैं।
- लेकिन पैतृक संपत्ति पर सह-वारिसों का जन्म से अधिकार माना जाता है, इसलिए ऐसी संपत्ति को अपनी मनमर्जी से किसी एक के नाम करना संभव नहीं होगा। इसका उद्देश्य पारिवारिक हितों और न्यायसंगत वितरण को सुनिश्चित करना है।
- सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि वसीयत के निष्पादन के लिए गवाहों की मौजूदगी आवश्यक है, ताकि वसीयत की प्रामाणिकता बनी रहे और संभावित विवादों से बचा जा सके।
- इसके अलावा वसीयत को कोर्ट में साबित करना जरूरी होगा, जिससे किसी भी विवाद को कम किया जा सके और न्यायालय में इसे सही रूप से लागू किया जा सके।
डिजिटल बदलाव और कानूनी सुरक्षा
- जमीन और संपत्ति के रजिस्ट्रेशन के तरीके को डिजिटल कर दिया गया है। इससे रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में फर्जीवाड़े की संभावना बहुत घट जाएगी और प्रक्रिया तेज व पारदर्शी होगी।
- आधार आधारित पहचान सत्यापन अनिवार्य किया गया है, जिससे संपत्ति के अधिकारों में धोखाधड़ी की संभावना कम होगी।
- यह बदलाव संपत्ति से जुड़े मामलों में कानूनी सुरक्षा और स्पष्टता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।
सुझाव: अपने वसीयत दस्तावेज़ का सही प्रबंधन करें
- वसीयत बनाने वाले सभी लोग यह सुनिश्चित करें कि वे नए नियमों के अनुसार वसीयत तैयार करें।
- अपनी वसीयत का प्रमाणिकरण उचित तरीके से कराएं और गवाहों की मौजूदगी का ध्यान रखें।
- समय-समय पर अपनी वसीयत अपडेट करते रहें, खासकर जब परिवार में नए सदस्य जुड़ें या संपत्ति में बदलाव हो।
- सही कानूनी सलाह लेना महत्वपूर्ण है ताकि भविष्य में विवादों और जटिलताओं से बचे जा सकें।
















