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Success Story of Small Business: ₹20,000 से शुरू कर लाखों कमाने वाले शख्स की कहानी, जानिए सफलता का राज़

सिर्फ ₹20,000 की छोटी सी शुरुआत ने इस शख्स की किस्मत बदल दी। बेहद साधारण आइडिया से बना बड़ा बिज़नेस आज हर महीने लाखों कमा रहा है। जानिए उन्होंने कैसे उठाया पहला कदम और क्या है उनकी सफलता का असली मंत्र!

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आज के समय में घर बैठे ऐसा बिजनेस आइडिया शुरू करना हर किसी का सपना रहता है, जो कम निवेश में फायदा दे और धीरे-धीरे आपको लाखों की आमदनी की ओर ले जाए। अगर आप भी अपना खुद का बिजनेस शुरू करने की सोच रहे हैं लेकिन पैसे और रिसोर्सेज की कमी के कारण संकोच में हैं, तो बोनसाई प्लांट की खेती आपके लिए एक बेहतरीन अवसर हो सकता है।

Success Story of Small Business: ₹20,000 से शुरू कर लाखों कमाने वाले शख्स की कहानी, जानिए सफलता का राज़

बोनसाई प्लांट खेती: एक लाभदायक और टिकाऊ विकल्प

बोनसाई पौधे को गुडलक और सजावट के लिए खास महत्व दिया जाता है। यह न केवल घर की सुंदरता बढ़ाता है बल्कि ज्योतिष और वास्तुकला में भी इसका उपयोग होता है। हर मौसम में इसके लिए मांग बनी रहती है और शादी, समारोहों में गिफ्ट के तौर पर भी इसे खूब पसंद किया जाता है। भारत सरकार इस बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक मदद भी प्रदान करती है, जिससे शुरुआत करना और भी आसान हो जाता है।

घर से कैसे करें बोनसाई प्लांट की खेती शुरू?

बोनसाई प्लांट की खेती घर के नर्सरी सेटअप से हो सकती है। इसके लिए कुछ जरूरी सामग्री जैसे साफ पानी, रेतीली मिट्टी, गमले, कांच के पॉट, कंकड़, पतले तार और छत या जमीन की जरूरत होती है। एक सही शेड भी बनाना आवश्यक है ताकि पौधे ठीक से बढ़ सकें। यह प्रक्रिया धीमी होती है और लगभग 2 से 5 साल का समय लग सकता है ताकि पौधा वांछित आकार में आ सके।

लागत और मुनाफा

इस बिजनेस को आप मात्र 20 हजार रुपये के निवेश से शुरू कर सकते हैं। प्रति प्लांट लगभग 240 रुपये लागत आएगी, जिसमें से केंद्र सरकार की सब्सिडी के चलते आधा पैसा वापस भी मिलता है। अगर आप 1 हेक्टेयर जमीन पर खेती करते हैं तो 1500 बोनसाई पौधे उगाए जा सकते हैं। इसके साथ ही, पौधों के बीच की खाली जगह में दूसरी फसल भी उगाई जा सकती है। तीन से चार साल में प्रति पौधे उच्च मूल्य मिलता है, जिससे सालाना 3 से 4 लाख रुपये तक कमाई संभव है।

सरकारी सहायता और सब्सिडी

नार्थ ईस्ट क्षेत्र को छोड़कर, अधिकतर राज्यों में केंद्र सरकार 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी देती है। यह सब्सिडी केंद्र और राज्य सरकार के साझे निवेश से मिलती है, जिससे बड़ी मदद मिलती है। अधिक जानकारी के लिए निकटतम नोडल अधिकारी से संपर्क करना फायदेमंद रहेगा।

Author
Pankaj Yadav

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