
भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां करोड़ों किसान अपनी मेहनत के दम पर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं। लेकिन कई बार किसानों तक उन योजनाओं की जानकारी ही नहीं पहुंच पाती जो उनके जीवन को बदल सकती हैं। अधिकतर लोग प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Yojana) के बारे में जरूर जानते हैं, लेकिन इसके अलावा भी केंद्र सरकार ने कई ऐसी योजनाएं शुरू की हैं जो किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। आइए जानते हैं उन प्रमुख योजनाओं के बारे में जो खेती को सुरक्षित, लाभदायक और टिकाऊ बना रही हैं।
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1. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Yojana)
यह योजना फरवरी 2019 में शुरू की गई थी ताकि किसानों की आर्थिक जरूरतों को पूरा किया जा सके। इसके तहत योग्य किसानों के खाते में हर साल 6000 रुपये की रकम तीन बराबर किश्तों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए भेजी जाती है। इसका मकसद किसानों को खेती और घर की छोटी-छोटी जरूरतों के लिए त्वरित सहायता देना है।
2. प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PMKMY)
यह पेंशन स्कीम उन छोटे और सीमांत किसानों के लिए है जो बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा चाहते हैं। 18 से 40 वर्ष के किसान इस योजना में हर महीने 55 रुपये से 200 रुपये तक का योगदान कर सकते हैं। उतनी ही राशि केंद्र सरकार भी जमा करती है। जब किसान 60 वर्ष के हो जाते हैं, तब उन्हें 3000 रुपये की मासिक पेंशन मिलने लगती है। यह योजना किसानों को वृद्धावस्था में आत्मनिर्भरता प्रदान करती है।
3. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)
कभी अचानक बारिश, तो कभी सूखा – खेती में जोखिम हमेशा बना रहता है। इन्हीं चुनौतियों से बचाव के लिए यह योजना 2016 में लाई गई थी ताकि किसानों को फसलों पर बीमा सुरक्षा मिले। बीमा प्रीमियम बहुत कम रखा गया है, जिससे हर किसान इसे आसानी से ले सके। अगर बुवाई से लेकर कटाई के बीच फसल को कोई प्राकृतिक नुकसान होता है, तो सरकार उसकी भरपाई करती है। इस स्कीम ने लाखों किसानों को नुकसान से उबरने का भरोसा दिया है।
4. मॉडिफाइड इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम (MISS)
इस योजना के तहत किसानों को सस्ते ब्याज पर शॉर्ट टर्म फसल लोन दिए जाते हैं। अगर किसान समय पर लोन चुका देता है, तो उसे 3 प्रतिशत की अतिरिक्त ब्याज सब्सिडी मिलती है। यानी उसे सिर्फ 4 प्रतिशत की दर से लोन का बोझ उठाना पड़ता है। यह योजना सिर्फ फसल लोन तक सीमित नहीं है, बल्कि डेयरी, मछली पालन और पशुपालन जैसी गतिविधियों में भी मदद करती है। यह उन लोगों के लिए बड़ी राहत है जिन्हें रोज़मर्रा की खेती के लिए ऋण की आवश्यकता होती है।
5. एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (AIF)
आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक हिस्सा यह फंड किसानों को आधुनिक कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में मदद करता है। इसके जरिए 1 लाख करोड़ रुपये तक का लोन बेहद रियायती ब्याज दर पर दिया जा रहा है, ताकि किसान कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिट, और कृषि संबंधी परियोजनाएं खड़ी कर सकें। इस पर 3 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी और 2 करोड़ रुपये तक के लोन पर क्रेडिट गारंटी दी जाती है। यह स्कीम खेती को “business-oriented” बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
6. 10,000 नए किसान उत्पादक संगठन (FPOs)
किसानों की वास्तविक ताकत संगठन में है। इसी सोच के तहत सरकार ने 2020 में नए 10,000 किसान उत्पादक संगठन (FPOs) बनाने का लक्ष्य रखा। इसके तहत FPOs को 18 लाख रुपये तक की फाइनेंशियल मदद और हर सदस्य किसान को 2000 रुपये तक की इक्विटी ग्रांट दी जाती है। साथ ही, उन्हें स्किल डेवलपमेंट, ट्रेनिंग और प्रोजेक्ट लोन की भी सुविधा मिलती है। यह योजना छोटे किसानों को सामूहिक रूप से बाजार से जोड़ती है, जिससे वे बेहतर दाम और स्थिर आय हासिल कर सकें।
















