
भारत अब फ्यूल से इलेक्ट्रिक की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। सरकार चाहती है कि सड़कों पर ज्यादा से ज्यादा “ग्रीन व्हीकल्स” दौड़ें — और इसके लिए केंद्र और राज्यों दोनों स्तर पर सब्सिडी दी जा रही है।
अगर आप भी इलेक्ट्रिक स्कूटर, बाइक या ई-कार खरीदने की सोच रहे हैं, तो यह समय आपके लिए बिल्कुल सही है। आइए जानते हैं कि प्रधानमंत्री ई-ड्राइव स्कीम और राज्यों की ईवी नीतियों के तहत वास्तव में क्या लाभ मिल सकता है।
Table of Contents
केंद्र सरकार की योजना
FAME II योजना की सफलता के बाद केंद्र सरकार ने एक नई पहल की है — पीएम ई-ड्राइव स्कीम। यह योजना 2025-26 वित्तीय वर्ष से लागू है और इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद कीमत पर सीधी छूट प्रदान करती है।
योजना के लाभ:
- इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर:
सरकार ₹2,500 प्रति किलोवाट-घंटा की सब्सिडी दे रही है, जो अधिकतम ₹5,000 प्रति वाहन तक सीमित है।
इसका मतलब हुआ कि यदि स्कूटर की बैटरी 2 kWh की है, तो लगभग ₹5,000 की छूट खरीदते समय ही मिल सकती है। - इलेक्ट्रिक तिपहिया (ई-रिक्शा, ई-कार्ट):
इन्हें प्रति किलोवाट-घंटा ₹2,500 की सब्सिडी दी जा रही है, जिसकी ऊपरी सीमा ₹12,500 प्रति वाहन है।
यह योजना खास तौर पर छोटे कारोबारियों और डिलीवरी सर्विस वाले ड्राइवरों के लिए राहत लेकर आई है।
राज्य सरकारों की भूमिका
केंद्र की स्कीम के अलावा, कई राज्य सरकारें अपनी पॉलिसी के तहत अतिरिक्त प्रोत्साहन दे रही हैं। इससे खरीदारों को दो स्तरों पर बचत होती है — वाहन के बेस प्राइस में केंद्र की छूट और फिर राज्य की ओर से बोनस।
उत्तर प्रदेश:
राज्य सरकार 25,000 इलेक्ट्रिक कारों की खरीद पर 15% सब्सिडी दे रही है, जिसकी अधिकतम सीमा ₹1 लाख तय की गई है।
14 अक्टूबर 2025 से यह लाभ सिर्फ उन्हीं वाहनों को मिलेगा जो उत्तर प्रदेश में बनाए गए हैं। यह राज्य के “Make in UP” प्रोग्राम को भी बढ़ावा देता है।
अन्य राज्य:
- दिल्ली: रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस में 100% छूट।
- महाराष्ट्र: ई-कार की खरीद पर 1.5 लाख रुपये तक की सहायता योजना।
- गुजरात: दोपहिया ईवी पर ₹20,000 और चारपहिया पर ₹1.5 लाख तक की प्रोत्साहन राशि।
सब्सिडी पाने की प्रक्रिया
अक्सर लोग सोचते हैं कि सरकारी सब्सिडी के लिए लंबी लाइनें या ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता होगा। लेकिन ईवी की खरीद के लिए यह प्रोसेस बेहद सरल है।
- पात्र वाहन चुनें:
सुनिश्चित करें कि जिस इलेक्ट्रिक वाहन को खरीद रहे हैं, वह सरकार की अनुमोदित (Approved) लिस्ट में शामिल हो। - ऑथराइज्ड डीलरशिप पर जाएं:
किसी ऐसे डीलर से खरीदें जो केंद्र या राज्य की सब्सिडी सूची में शामिल हो। - ज़रूरी दस्तावेज़ दें:
आधार कार्ड, एड्रेस प्रूफ और बैंक अकाउंट डिटेल डीलर को जमा करें। - डीलर का सबमिशन:
डीलर यह जानकारी संबंधित पोर्टल पर अपलोड करता है और सब्सिडी की राशि सीधे वाहन की कीमत से घट जाती है।
इस तरह, आपको ऑन-द-स्पॉट डिस्काउंट के रूप में लाभ मिल जाता है — किसी अतिरिक्त अप्लिकेशन की जरूरत नहीं होती।
खरीदने से पहले किन बातों का रखें ध्यान
- हर राज्य की नीति अलग है, इसलिए खरीदने से पहले अपने राज्य की ईवी नीति को ध्यान से पढ़ें।
- सब्सिडी की दरें समय-समय पर अपडेट होती हैं, इसलिए डीलर से ताज़ा जानकारी लें।
- केवल अनुमोदित मॉडल्स पर ही सब्सिडी मिलती है, न कि हर कंपनी के वाहन पर।
- कुछ राज्यों में सब्सिडी पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दी जाती है, इसलिए यदि सोच रहे हैं तो जल्दी करें।
क्यों बढ़ रही है इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड
- पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से राहत
- मेंटेनेंस कॉस्ट बेहद कम
- सरकार की टैक्स छूट और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार
- पर्यावरण की सुरक्षा के लिए बेहतर विकल्प
















